crime stories hindi : sharab me dubi patne ka pati pr kaihar | mk mazumdar
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crime stories hindi : sharab me dubi patne ka pati pr kaihar | mk mazumdar |
crime stories hindi : sharab me dubi patne ka pati pr kaihar | mk mazumdar
शराब और सेक्स में डूबी बीवी का पति पर कहर
सावन का महीना था. राखी का त्यौहार होने के कारण शहर में उत्सव का मौल था. नवविवाहित बेटियां जितने उत्साह और उमंग के साथ अपने मायके को वापस आ रही थी उतने ही उत्साह से शहर में ब्याह कर आई दूसरे इलाके शहर की बेटियां मायके पहुंचने की जल्दी में सडकों पर उमड़ी पड़ी थी.शहर के एक आलीशान बंगले के सामने एक कार आकर रूकी. कार से एक युवती फूलकुमारी अपने पति प्रेम सिंह के साथ उतर कर तेजी से अंदर की तरफ चल पड़ी. फूलकुमारी की शादी को लगभग 15 साल का लंबा समय बीत गया था. उसके माता-पिता दोनों स्वर्ग सिधार चुके थे. मायके के नाम पर उसका केवल भाई लखन सिंह था.
लखन सिंह अपनी बहन से बहुत प्यार करता था. माता-पिता के गुजर जाने के बाद भी ऐसा कोई सावन नहीं बीता जब उसने अपनी बहन को मायके न बुलाया हो. इस बार उसकी बहन फूलकुमारी इंतजार ही करती रही, लेकिन न तो उसका भाई उसे लेने आया और ना ही आने के लिए कोई खबर भेंजी. अपने भाई की तरह से कोई खबर ना मिलने की वजह से वह किसी आशंका से खुद ही अपने भाई को राखी बांधने उसके घर आ गई.
लंबे-लंबे कदमों से जल्दी-जल्दी फूलकुमारी घर के अंदर पहुंची तो त्यौहार के दिन भी घर में सूनापन देखकर चैंक गई. फूलकुमारी सीधे भाई के कमरे में पहुंची तो देखा भाभी दुर्गा बिस्तर पर लेटी थी, उसके पास ही शराब की खाली बोतल पड़ी थी. ननद को आया देख वह हड़बड़ा कर बिस्तर से उठी और सीधे बाथरूम में हाथ-मुंह धोने चली गई.
फूलकुमारी को अपना भाई लखन कहीं दिखाई नहीं दिया. उसने भाभी से इस बारे में पूछा तो उसने गोल-मोल सा जवाब देते हुए बताया की वह कुछ दिनों पहले किसी काम से विदेश गया हुआ है.
दुर्गा की बात फूलकुमारी और उसके पति दोनों के गले नहीं उतरी. क्योंकि लखन सिंह विदेश गया था बिना किसी को बताएं. उन्हें लखन सिंह को लेकर कुछ अनहोनी होने की बू आने लगी. फूूलकुमारी और उसके पति ने आपस में मिलकर सलाह की और भाभी से सच्चाई जानने के लिए पार्टी करने का प्लान बनाया.
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प्रेमसिंह दारू की चार बोतले ले आया. दारू की बोतल देखकर दुर्गा की आंखें चमक उठी. तीनों मिलकर शराब पीने लगे. योजना अनुसार प्रेमसिंह और फूलकुमारी ने मिल कर अपनी भाभी दुर्गा को गले तक पिलाया जिसके चलते दुर्गा भाभी बहकने लगी. इसी बीच मौके का फायदा उठाकर प्रेमसिंह ने दुर्गा भाभी से लखन के बारे में पूछा. शराब के नशे में धुत्त दुर्गा भाभी ने जो बाते उनके सामने कहीं उसे सुनकर दोनों के पैरों के नीचे से जमीन खसक गई.
दुर्गा भाभी का कहना था, उसने अपने पति की हत्या कर उसकी लाश को बगीचे में दफना दिया है. इतना कह कर दुर्गा शराब के नशे में बेहोश हो गई. मामला बड़ा पेचिदा था. फूलकुमारी ने अपने पति प्रेमसिंह को इसकी शिकायत करने के लिए पुलिस स्टेशन भेंज दिया.
प्रेमसिंह ने तुरंत इसकी सूचना इंस्पेक्टर मनोज दी. हत्या की जानकारी मिलते ही इंस्पेक्टर मनोज अपनी टीम के साथ बंगले पहुंचे. उन्होंने देखा, दुर्गा शराब के नशे में गहरी नींद में पड़ी थी. उसके सिर पर पानी डालकर जगाने की कोशिश की. काफी कोशिश के बाद दुर्गा ने आंखें खोली. अपने सामने पुलिस देखकर वह सारा माजरा समझ गयी.
कड़ाई से पूछताछ के बाद उसने पति की हत्या कर घर के पिछवाड़े बाड़ी में दफन करने की बात कबूल की. उसने वह जगह भी बता दी जहां उसने लखन के शव को दफन किया था. दुर्गा ने लाश को दफनाने के बाद उस जगह पर गुलाब के पौधे लगा दिए थे. दुर्गा ने 23 दिन पहले लखन की हत्या कर दी थी.
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sharab me dubi patne ka pati pr kaihar |
15 साल पहले की बात है. लखन सिंह, दुर्गा को पत्नी बना कर घर लाया था. आदिवासी गौड़ समाज में शादी छोटी उम्र में हो जाती है. जब लखन दुर्गा को दुल्हन बना कर लाया था. उस वक्त दुर्गा की उम्र बमुश्किल 14-15 साल की थी. दुर्गा बच्ची थी तो क्या वह भी उस उम्र में शराब पीती थी. शादी के बाद भी वह शराब पीती रही.
दुर्गा का शराब पीना लखन को बूरा नहीं लगा. उल्टा उसे काफी अच्छा लगता था. पार्टी में दोनों एक साथ शराब पीते झूमते-नाचते फिर मस्ती करते सो जाते. धीरे-धीरे पत्नी की यह आदत उसे अखरने लगी थी. क्योंकि दुर्गा इतनी शराब पी लेती थी कि वह पीत-पीते वहीं लुढ़क जाती थी. उस वक्त उसे किसी की फिक्र नहीं होती थी.
दिन में ही शराब पीकर बेहोश होकर सो जाती उसे न बच्चों के लिए खाना बनाने की चिंता रहती न घर के दूसरे कामों की. पत्नी की शराब खोरी से बचने के लिए लखन ने घर में शराब लाकर रखना बंद कर दिया लेकिन इससे समस्या का हल नहीं निकला.
दुर्गा ने पार्टीयों में कई युवकों से दोस्ती कर ली जो उसे लाकर शराब पिलाने लगे. शराब के चक्कर में दुर्गा का नाम कई दूसरे मर्दों के साथ जुड़ने लगा. इतना ही नहीं कई बार तो दुर्गा खुद ही शराब खरीदने जाने लगी.
दुर्गा तीस पार कर चुकी थी लेकिन उसके बाॅडी में काफी आकर्षण था. जिसके चलते कम उम्र के युवा भी उसकी तरफ खिंचे चले आते थे. शराब के बदले वह उन्हें मस्त कर देती. शहर में उसके दीवानो की संख्या बढ़ने लगी. धीरे-धीरे यह बात जानपहचान वालों में फैलने लगी.
यह बात जब लखन के कानों में पहुंची. लखन ने उस पर शक्ति करना शुरू कर दिया. पति द्वारा शक्ति करने पर दुर्गा ने बगावत कर दी. शराब के चक्कर में वह रात-रात भर घर से गायब रहने लगी.
घटना के बारे में जानकारी देते हुए दुर्गा ने पुलिस को बताया, उस रोज सुबह से झमाझम पानी गिर रहा था. पीने का अच्छा मौसम था सो उसने अपने दो मित्रों को दिन में शराब लेकर घर आने के लिए कहा. दोपहर में मित्रों के साथ जमकर शराब पी.
शाम को जब लखन घर पहुंचा तो उसने दुर्गा को नशे में देखा तो अपना आपा खो बैठा. उस दिन लखन ने उसकी खासी पिटाई कर दी. यह बात दुर्गा को बर्दास्त नहीं हुई. उसने उसी वक्त लखन से छुटकारा पाने की ठान ली.
दिनभर का थकाहारा लखन खाना खाकर जैसे ही सो गया. शराब का नशा और क्रोध से भरी दुर्गा लोहे की छड़़ लेकर कमरे में पहुंची. लखन गहरी नींद सो रहा था. उसने बिना कुछ सोचे विचारे लखन के सिर पर वार कर दिया एक ही बार में लखन का सिर दो भागों में फट गया. उसके मुंह से कोई आवाज नहीं निकली और वह शान्त हो गया.
आधी रात में मां के हाथों पिता की हत्या को देख कर बच्चे सहम गए. दुर्गा ने उन्हें धमकी दी कि यदि इस बारे में बाहर किसी से चर्चा की तो उन्हें भी इसी तरह मार देंगी. बच्चे डर के सहम गए. उसने अगले ही दिन बच्चों को हाॅस्टल भेंज दिया ताकि किसी से कुछ ना बता सकें.
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