Crime Stories Hindi | Bumper Inam | mk mazumdar
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बम्पर इनाम
मोबाइल की घंटी सुनकर अनामिका ने अपना मोबाइल आॅन किया.
‘‘हैलो, ...?’’
‘‘989022..... नंबर आपका है?’’ दूसरी ओर से आवाज आई.
‘‘यस, लेकिन आप...?’’ अनामिका ने पूछा.
‘‘बधाई हो मैडम, आप हमारी साप्ताहिक प्रतियोगिता की विजेता है. इस बार आपका मोबाइल नंबर निकला है.’’ दूसरी ओर से आवाज आई.
‘‘... मैं कुछ समझी नहीं, आप क्या कह रहे हैं.’’ अनामिका ने पूछा.
‘‘जी, मैं ’इनाम टू इनाम’ कम्पनी का मैनेंजर राजेश हूं. कंपनी एक प्रतियोगिता करवा रही हैं. इसमें प्रत्येक सप्ताह एक चीट निकालते हैं. जिसमें मोबाइल नंबर व टेलीफोन नंबर लिखे होते है. चीट निकालने पर उसमें लिखे नंबर वाले कपल को उस सप्ताह का विजेता माना जाता है. इस सप्ताह आपका नंबर निकला है. इसीलिए इस बार की विजेता आप है और आपको विदेश घुमने का मौका मिल रहा है.’’
‘‘क्या......?’’ विदेश जाने की बात सुनकर अनामिका खुशी से पागल हो गयी. उसे कुछ सुझ नहीं रहा था कि वह राजेश को क्या जवाब दें.
तभी दुसरी ओर से आवाज आयी, ‘‘इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए केवल दस हजार रूपये जमा करने पड़ेगें.’’
‘‘दस हजार रूपये, लेकिन....’’ अनामिका कुछ कहती उससे पहले ही दुसरी ओर से आवाज आयी.
‘‘यह तो केवल इंट्री फीस है. वैसे विदेश आने जाने के लिए प्लेन, होटल में ठहरने की व्यवस्था से लेकर खाना व घुमना सब मुफ्त है.’’
विदेश में घुमना-फिरना वह भी मुफ्त, सुनकर अनामिका का दिल बलियो उछलने लगा, लेकिन अपनी बेटी का ध्यान आते ही उसका उत्साह कम पड़ गया. उसने पूछा, ‘‘लेकिन, हमारी एक दस वर्ष की बेटी हैं. उसे .....’’
‘‘कोई बात नहीं, आप उसे साथ ले जा सकती है, लेकिन उसके लिए आपको अलग से रूपये जमा करवाने पड़ेगें.’’
राजेश की बात सुनकर अनामिका की रही सही परेशानी दूर हो गयी.
‘‘मैडम आपका नाम ?’’
‘‘अनामिका....’’
‘‘....... और आपके पति का.....?’’
‘‘उनका राहुल वर्मा.’’
‘‘आपके पति क्या काम करते है ?’’
‘‘वे एक बिजनेस मैन है. उनका अपना बिजनेस है.’’
‘‘क्या आप भी नौकरी करती है?’’
‘‘जी नहीं, मैं हाउस वाईफ हूं.’’
‘‘......आप जाने के लिए तैयार है.’’
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‘‘इस बारे में अपने पति के साथ विचार विमर्श कर लूं उसके बाद आपको जवाब दूंगी.’’ अनामिका ने अपनी खुशी को दबाते हुए कहा.
‘‘ओके मैडम, मैं कल इसी समय आपको फोन करूगा.’’ कहते हुए दुसरी ओर से फोन कट गया.
अनामिका बेसब्री से अपने पति राहुल के लौटने का इंतजार करने लगी.
राहुल के घर आते ही अनामिका ने एक ही सांस में ‘इनाम टू इनाम’ के बारे में बता दिया.
अनामिका की बातें सुनकर राहुल को बड़ा अजीब लगा. उसने कहा, ‘‘केवल दस-दस हजार रूपये पर विदेश यात्रा, यह कैसे संभव हो सकता है? जरूर किसी ने तुम्हारे साथ मजाक किया है.’’
‘‘मेरे साथ किसी ने मजाक नहीं किया है. कल फिर फोन आएगा. तब तुम खुद ही बात कर लेना.’’ अनामिका नाराज होते हुए बोली.
अगले दिन निश्चित समय पर राजेश का फोन आया. अनामिका औपचारी बातचीत के बाद बोली, ‘‘लीजिए मेरे पति से बात कीजिए.’’
राहुल के कुछ कहने से पहले ही राजेश कहने लगा, ‘‘हैलो सर, मैं राजेश ‘इनाम टू इनाम’ कंपनी का मैनेजर बोल रहा हूं. आपकी पत्नी के नाम इनाम निकला है.’’
‘‘वह मैं सुन चुका हूं, लेकिन इतने कम खर्चे पर ....’’ राहुल ने अपनी शंका व्यक्त करते हुए कहां.
‘‘डोंटवरी सर, यह एक पैकेज टूर है. इसमें कंपनी की ओर से मुफ्त विदेश भम्रण करवाया जाता है. माह के तीस तारीख को आप सुपर डायमंड में आइए. वहां आपको पूरी जानकारी दी जाएगी. याद से अपने साथ दो-दो फोटो, पासर्पोट और रूपये जरूर लाएं. जिससे आगे की सभी फार्मेल्टीस पूरी की जा सके.’’ राजेश ने समझाते हुए कहा.
‘‘सुपर डायमंड में, कितने बजे?’’
‘‘शाम सात बजे आप अपनी पत्नी के साथ आंमत्रित है.’’ कहते हुए राजेश ने फोन काट दिया.
‘‘अब बोलो, तुम क्या कह रहे थे.’’ अनामिका ने कहा.
‘‘ठीक है, मैं जाकर पता करता हूं.’’ राहुल समझ गया कि अनामिका को समझाने का कोई फायदा नहीं है. इसलिए उसने बहस न करते हुए अपनी बात यही खत्म कर दी.
अनामिका विदेश टूर की बात सुनकर खुशी से झूम उठी. उसने अपनी सहेली को फोन किया, ‘‘हैलो, किरण मैं अनामिका बोल रही हूं. सुन एक खुशखबरी है. मैं अपने पति के साथ विदेश टूर पर जा रही हूं.’’
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‘‘मुबारक हो, कब जा रही है?’’ किरण ने पूछा.
‘‘यह अभी तय नहीं हुआ है. आज ही ‘इनाम टू इनाम’ में मेरा मोबाइल नंबर निकला है. शहर के सबसे मशहुर फाइव स्टार होटल सुपर डायमंड में बुलाया है. वही सारी जानकारी मिलेगी.’’ अनामिका ने चहकते हुए कहां.
‘‘अनामिका, यह लोग तुम्हंे किसी विदेश यात्रा पर नहीं ले जायेगें. मींटिग में जानकारी देने के बहाने तुम लोगों को बुलाएगें और रूपये जमा करवा लेगें. उसके बाद उनका न तो कोई फोन आएगा और न ही उनका कहीं कुछ पता चलेगा.’’ किरण ने अनामिका को समझाते हुए कहा.
‘‘तुम, यह सब कैसे कह सकती हो?’’ अनामिका नाराजगी से बोली.
‘‘क्योंकि पिछले माह मुझे भी तुम्हारी तरह एक फोन आया था. विदेश भ्रमण की बात सुनकर मैं भी बहुत खुश हुयी थी. हमने पांच हजार रूपयें जमा किए थे. उसके बाद आज तक उनका न तो कोई फोन आया और न ही कुछ पता चला है.’’
‘‘....लेकिन तू ने इस बारे में कोई जिक्र नहीं किया था.’’
‘‘कैसे बताती, अपने ठगे जाने की बात बताकर मैं अपना मजाक नहीं उड़ाना चाहती थी.’’
किरण की बात सुनकर अनामिका कुछ नहीं बोली. उसने मन ही मन सोचा, किरण मेरी इनाम की बात सुनकर ईष्र्या के कारण ऐसा कह रही है. उसने पांच हजार रूपयें जमा किए थे. पांच हजार रूपयें में विदेश तो क्या भारत की सेर भी नहीं करवा सकता. मुझे उस की बात पर विश्वास नहीं.’
अनामिका को महिने के अंतिम दिन का बेसब्री से इंतजार करने लगी. तीस तारीख को सुबह राजेश का फोन आया.
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‘‘मैडम, आपके लिए विजय क्लब में ग्यारह नंबर का टेबल बुक है. कृपया आप ठीक सात बजे विजय क्लब पहंुच जाए.’’
‘‘विजय क्लब क्यों? आपने तो फाइव स्टार होटल में मीटिंग के लिए कहा था.’’ अनामिका ने आश्चर्य से पूछा.
‘‘हम अपनी मींटिग वहीं करने वाले थे, लेकिन आज वहां जगह खाली नहीं है. इसलिए हमंे लास्ट टाइम में प्रोग्राम चेंज करना पड़ा.... आपको होने वाली परेशानी के लिए हमें खेद है.’’
शाम के ठीक सात बजे वह राहुल के साथ विजय क्लब पहुंची. क्लब के गेट पर एक व्यक्ति खड़ा था. उसने अनामिका और राहुल से पूछा, ‘‘आपका मोबाइल नंबर ...’’
अनामिका ने नंबर नोट करवाया. उस व्यक्ति ने अपने मोबाइल से उस नंबर पर रींग किया तो अनामिका का मोबाइल बज उठा.
अनामिका मोबाइल आॅन करने ही वाली थी कि उस व्यक्ति ने कहा, ‘‘साॅरी मैडम, यह रींग मैंने किया है. यह देखने के लिए की आप ही अनामिका जी है या और कोई. मैं राजेश ...’’ कहते हुए उसने राहुल की तरफ अपना हाथ बढ़ा दिया. ‘‘मैनें ही आपको फोन किया था. आइए, आपके लिए टेबल बुक है.’’
अनामिका और राहुल अंदर आ गये. हाॅल में कई कपलस बैठे हुए थे. ठीक सात बजे सामने स्टेज पर एक व्यक्ति सामने आया. उसने कहां, ‘‘यहां उपस्थित सभी कन्ट्रेस्टर को मेरी और अपनी कम्पनी की ओर से बधाई देता हूं. आप सभी को यह जानकर बहुत खुशी होगी, जहां एक व्यक्ति का खर्चा ही लगभग एक लाख रूपये पड़ता है. वहां आप मात्र दस हजार रूपये में विदेश भ्रमण पर जा रहे हैं. आप लोगों के लिए वहां रहना, घुमना आदि सभी ‘इनाम टू इनाम’ कंपनी की तरफ से फ्री है. आप अपना नाम, पता व फोटो आदि के साथ रूपये जमा करवा दीजिए. जिनके पास पासपोर्ट आदि नहीं है. उनसे पांच हजार रूपये पासपोर्ट व बीजा आदि बनाने के लिए अतिरिक्त लिया जाएगा. यदि आप लोगों को कुछ पूछना है तो आप पूछ सकते है.’’
‘‘जी हां मैं जानना चाहता हूं कि जहां एक लाख का खर्चा होता है वहां आप केवल दस हजार रूपये में ही हमें विदेष यात्रा कैसे करवा सकते हंै?’’ राहुल ने पूछा.
‘‘आपने बहुत अच्छा सवाल किया है. यह सवाल हर एक के मन में उठता है कि हम इतना घाटा कैसे सह सकते हंै. ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि यह एक पैकेज टूर है, इसमें हम प्लेन को हायर करते हंै. इससे किराया काफी कम हो जाता है. विदेशों मंे हमारे कई होटल है. जहां यात्रियों को रूकाने आदि की व्यवस्था होती है.’’ उस व्यक्ति ने समझाते हुए कहां.
‘‘सुना है कि कुछ लोग टुर के बहाने रूपये जमा करवा लेते है. इसके बाद उनका कुछ पता नहीं चलता है. आपकी क्या गारंटी है कि रूपये जमा होने के बाद आप हमें विदेश ले ही जाएंगे.’’ अनामिका ने अपने मन की शंका को दूर करने के लिए पूछा.
‘‘हमारी कंपनी इण्डिया की एक रेपोटेडेट कंपनी है. उसकी अपनी साख है. फिर आपकी मर्जी आप इतने कम रूपए में घुमने जाना चाहते है या नहीं. बहुत से ऐसे लोग मिल जाऐगें जो आपकी विदेश यात्रा के बारे में सुनकर ईष्यावष आपको कुछ भी उल्टी सीधी बातें बताकर बहकाना चाहेगें, ताकि आप इस सुनहरे मौके से वंचित हो जाए.’’
कुछ देर तक हाॅल में सन्नाटा छाया रहा. सन्नाटे को तोड़ते हुए राजेष बोला, ‘‘आप लोगों से कोई जबरजस्ती नहीं है. जिन्हें नहीं जाना है वह जान लें की भविष्य में ऐसा अवसर उन्हें दुबारा नहीं मिलेगा .... आगे आप लोगों की मर्जी.’’
वहां उपस्थित कपलस एक-एक करके आवश्यक कागजात के साथ रूपये जमा करवाने लगे.
राहुल ने अनामिका और अपनी बेटी निशि का फोटो देते हुए कहां, ‘‘सर मेरे पास पासपोर्ट नहीं हैं.’’
‘‘आप पैंतालिस हजार रूपये जमा कर दीजिए. आपके परिवार का पासपोर्ट तैयार हो जाएगा.’’ राजेश ने हिसाब करके राहुल से कहां.
इतने लोगों के बीच राहुल अपनेआप को छोटा नहीं करना चाहता था. वैसे भी उसके पास रूपये की कमी नहीं थी. उसने तुरंत रूपये जमा कर दिए.
कार्यवाही पूरी होने के बाद राजेश बोला, ‘‘15 तारीख को शाम आठ बजे सभी को एयरपोर्ट में एकत्र होना है. यदि आप लोगों को कोई असुविधा व परेशानी हो तो मेरे मोबाइल पर या कार्यालय पर संपर्क कर सकते है.’’
उस दिन के बाद से अनामिका ने किरण को फोन नहीं किया. जबकि किरण ने कई बार फोन किये, लेकिन उसने फोन रिसीव नहीं किया.
अनामिका जाने की तैयारी में जी जान से जुट गयी. उसने अपने लिए नये-नये ड्रेस, मेकअप का सामान और भी न जाने क्या-क्या शांपिग की. जाने से पहले उसने अपनी पूरी तैयारी कर ली.
राहुल ने अनामिका से कहा, ‘‘तुम ने तो यही पर सारी खरीददारी कर ली हैं, वहां क्या शांपिग करोगी?’’
‘‘तुम्हें चिंता करने की जरूरत नहीं हैं. मैंने अलग से उसकी लिस्ट बना ली है.’’ अनामिका ने अपनी लिस्ट दिखाते हुए कहा.
राहुल ने अपनी ओर से राजेश के मोबाइल पर कई बार फोन किये और उनके बताएं पते पर जाकर भी देख आया कि वहां ‘इनाम टू इनाम’ नाम की कंपनी है या नहीं. अपनी खोजबीन से वह पूरी तरह आश्वस्त हो गया था.
पंद्रह तारीख को सभी एअरपोर्ट पहंुचे. राजेश अभी तक नहीं आया था. सभी सोचने लगे कि कहीं उनके साथ धोखा तो नहीं हुआ है, लेकिन तभी उन्हें राजेश जल्दी-जल्दी आता हुआ दिखाई दिया.
‘‘साॅरी, आई एम लेट. यहां की टैफिक की वजह से तो हर काम लेट हो ही जाता है. चलिए, जल्दी कीजिए समय बहुत कम है. आप लोग सामानों को चैकिंग के लिए यहां रख दें.’’
एक टिकट राहुल को देते हुए उसने कहां, ‘‘यह ग्रुप टिकट है. इसे लेकर आप सभी पांच नंबर के गेट से अंदर जाइए. जहां आप सभी की चैकिंग होगी. वहां पहुंच कर आप लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है. एअरपोर्ट पर आप लोगों को लेने हाॅटेल की तरफ से गाड़ी आयेगी. दो दिन बाद आप सभी की वापसी टिकट हाॅटेल मैंनेजर दे देगा.’’
समय बहुत कम था. सामानों की चैकिंग के लिए सभी ने अपना अपना सूटकेस व एयरबैग वही रख दिया और पांच नंबर की गेट की तरफ बढ़ गये.
प्लेन में बैठ कर सुधा काफी खुश थी. उसने सोचा, चलो अच्छा हुआ किरण की बात पर विश्वास नहीं किया, नहीं तो इतने सस्ते में विदेश यात्रा का सुनहरा मौका हाथों से छूट जाता.
रात काफी हो चुकी थी. दिन भर की थकान और तनाव की वजह से सभी यात्री सो गये.
एयरहोस्टेज के जगाने पर सुधा की नींद खुली. एयरहोस्टेज ने लक्ष्यद्वीप के एअरपोर्ट पर प्लेन के लेंड होने की सूचना दी. लक्ष्यद्वीप का नाम सुनकर सुधा ने राहुल की ओर आश्चर्य से देखा. राहुल बोला, ‘‘शायद, एक दो घंटे के लेंड के बाद फ्लाइट आगे की उड़ान भरेगी.’’
एयरहोस्टेज ने यात्रियों को प्लेन से नीचे उतरने की अनुमति दी. इस पर राहुल ने पूछा, ‘‘हमें एयरपोर्ट पर कितने देर रूकना पड़ेगा.’’
‘‘आप लोगों को एयरपोर्ट पर रूकने की जरूरत नहीं है. आप अपने-अपने होटल जा सकते है.’’ एयरहोस्टेज ने विन्रमता से जबाव दिया.
एयरहोस्टेज की बात सुनकर सभी आश्चर्य से एक दूसरे को देखने लगे.
‘‘होटल जा सकते है, आप का मतलब है कि यह प्लेन आगे नहीं जायेगी. मैडम, हम सभी का विदेश पैकेज टूर है.’’ राहुल ने पूछा.
‘‘सर, आप सभी का टिकट यही तक का हैं. बाकी जानकारी आप पूछताछ कार्यालय से कर सकते है.’’
एयरहोस्टेज की बात सुनकर सभी प्लेन से नीचे उतर आये. एयरपोर्ट पर आने के बाद उन्हें पता चला कि उनके नाम से कोई सामान भी बुक नहीं था. यह सुनते ही सभी ने अपना सिर पकड़ लिया. क्योंकि वे सभी पूरी तरह से ठगे जा चूके थे. जल्दबाजी में किसी ने टिकट नहीं देखा था कि वह कहां का है और न ही अपने सामानों की चैकिंग आदि स्वयं ने करवाई थी. राजेश ने उन सभी से दस-दस हजार रूपये तो वसूले ही थे, साथ ही उनके कीमती सामानों पर भी हाथ साफ कर दिया था.
उन्होंने विमानतल अधिकारियों से सम्पर्क कर आप बीती सुनाई. उन्होंने बताया, उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वे यहां रूक सकें और न ही उनके पास वापसी टिकट हैं. ’’
अधिकारियों ने तुरंत इस घटना की शिकायत पुलिस में दर्ज करवायी. विमानतल अधिकारियों व पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह से उन यात्रियों को वहां से वापस भेंजवाने की व्यवस्था की.
घर पहुंचकर सुधा ने अपने कान पकड़ते हुए कहा,‘भविष्य में कभी भी इनाम के लालच में नहीं आऊंगी.
Copyright: All Rights dr. mk mazumdar
All rights are subject to the author. Legal action will be taken if it is completely twisted and presented in any way.
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