crime stories hindi : Netherlands men hatyaa kee aur bharat me pakada gaya | mk mazumdar

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नीदरलैंड में हत्या की और भारत में पकड़ा गया

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अपराधी कितना ही चालाक क्यों न हो, वह पुलिस की पकड़ से नहीं बच सकता. क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया जो नीदरलैंड में हत्या करके भारत में आकर छुपा हुआ था.

सीबीआई को इन्टरपोल द्वारा जानकारी मिली कि नीदरलैंड का एक नागरिक धमेंद्र दो व्यक्तियों की हत्या करके वहां से फरार होकर भारत में आकर छुपा हुआ हैं. नीदरलैंड पुलिस ने इन्टरपोल के द्वारा भारतीय पुलिस से सिफारिस की कि उक्त आरोपी को पकड़ने में उनकी मदद करें. नीदरलैंड पुलिस ने सीबीआई को एक पता दिया जहां पर धमेंद्र के छुपे होने की आशंका थी.

आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. नीदरलैंड पुलिस ने जो पता दिया था वह पूरा नहीं था. क्राइम ब्रांच की टीम ने अपने स्तर पर जांच कर किसी तरह से उस जगह का पता लगाया. वह जगह काफी दिनों से बंद है. पुलिस ने उसके मालिक का पता लगाया.

नए मालिक ने पुलिस को बताया, यह बंगला कुछ माह पहले उसने नवीन शुक्ला से खरीदा है. तब से बंगला किसी को किराये पर नहीं दिया है. पुलिस बंगला के पूर्व मालिक नवीन शुक्ला के पास पहुंची. नवीन शुक्ला ने पुलिस को बताया, बंगला बेचने से पहले उन्होंने ब्रोकर के माध्यम से इसे रामलाल नामक व्यक्ति को किराये पर दिया था.

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इंस्पेटर मनोज ने जब ब्रोकर से रामलाल के बारे में पूछताछ की तो उसने बताया, रामलाल के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं हैं. उसका एग्रीमेंट खत्म होने के बाद वह कहां गया इस बारे में वह कुछ नहीं बता सकें.

तब पुलिस ने उन्हें धमंेद्र का फोटो दिखाया तो दोनों चैंक गये. उन्होंने कहा कि यह रामलाल नहीं है. हां, इस युवक को उन्होंने रामलाल के यहां देखा था.

दोनों ने पुलिस को बताया, रामलाल के पास एक कार थी. हो सकता है वह ड्राइवर, रामलाल के बारे में कुछ बता सकें. पुलिस को ड्राइवर प्रवीण तिवारी का मोबाइल नम्बर मिल गया.

पुलिस को प्रवीण तिवारी से भी कोई खास जानकारी नहीं मिल सकी. उसने पुलिस को बताया कि लगभग 15 दिन पूर्व रामलाल का फोन आया था. फोन में उसने बताया था कि उसने चमोली में एक पार्लर खोला है. पुलिस के लिए इतनी जानकारी काफी थी.

चमोली पहुंच कर पुलिस ने पार्लर ढुंढ़ निकाला. पुलिस टीम जब पार्लर पहुंची उस वक्त रात हो चुकी थी. उस वक्त एक युवती पार्लर बंद कर रही थी. पुलिस टीम ने उस युवती का पीछा किया.

वह युवती कुछ दूर तक कई गलियों से चलने के बाद एक बंगले पर पहंुची. युवती के अंदर पहुंचने के बाद पुलिस ने बाहर से बंगले का अच्छे से जायजा लिया. इसके बाद उस बंगले में छापा डालने का विचार बनाया.

पुलिस द्वारा कई बार कालबेल बजाने के बाद एक व्यक्ति ने दरवाजा खोला. जैसे ही उसने दरवाजा खोला, उस व्यक्ति को ढ़केलकर पुलिस अंदर घुस गयी. वह व्यक्ति चिल्लाने लगा, पुलिस ने उसे डांट लगाया तो वह डर के मारे चुप हो गया.

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पुलिस ने बंगले को छान मारा अंदर उस व्यक्ति के अलावा पार्लर वाली युवती और एक बूढ़ी महिला मिली. पुलिस ने धमेन्द्र का फोटो दिखा कर उसके बारे में पूछताछ की तो उन्होंने उसे पहचानने से इंकार किया. पुलिस ने उनके हावभाव से अनुमान लगा लिया कि दोनों कुछ छुपा रहे हैं.

पुलिस ने मनोवैज्ञानिक तरीका अपनाते हुए दोनों को अलग-अलग ले जाकर पूछताछ की. तब पता चला वह व्यक्ति रामलाल है और वह आरोपी धमेन्द्र्र का मामा है. बूढ़ी महिला धर्मेन्द्र की मां थी. कड़ाई से पूछताछ करने पर उन्होंने पुलिस को बताया, इस वक्त धमेन्द्र दक्षिण भारत के किसी गांव में छिपा हुआ है.

देर न करते हुए पुलिस टीम धर्मेन्द्र की मां और मामा दोनों को साथ लेकर दक्षिण भारत पहुंची. कई दिनों की मशक्कत के बाद भी पुलिस को उसके सही लोकेसन का पता नहीं चल सका. क्योंकि उसने फोन पर दिन गांव का नाम बताया था वहां से वह जा चुका था.

अब पुलिस को धर्मेन्द्र के फोन का ही इंतजार था. क्योंकि धर्मेन्द्र बीच बीच में अपनी का हालचाल जानने के लिए फोन किया करता था. संजोग से एक दिन धर्मेन्द्र का फोन उसकी मां के पास आया. उसकी मां के पूछने पर धर्मेन्द्र ने बताया की इस वक्त वह अन्ना पट्टी में है. मोबाइल फोन के टाॅवर पर भी उसका सही लोकेशन दिखा रहा था.

जैसे ही पुलिस को यकीन हो गया कि धर्मेन्द्र अन्ना पट्टी में है. देर ना करते हुए पुलिस तुरंत उस लोकेशन पर पहुंची. वहां एक आलीशान बंगले से धमेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया. उसके बंगले में एशो आराम की सभी चीजें मौजूद थी. उसने रेणू नाम की लड़की से कोर्ट मैरेज भी कर ली थी. जब रेणू को पता चला कि धमेन्द्र हत्यारा है. उसने नीदरलैंड में दो लोगांे की हत्या की है और गिरफ्तारी से बचने के लिए भारत में आकर छुपा हुआ है. पुलिस की बात सुनकर वह बेहोश होकर गिर पड़ी.

धमेन्द्र ने पुलिस के सामने अपना अपराध कबूल करते हुए सारी कहानी बयान कर दी. धमेन्द्र ने पुलिस को बताया, वह भारतीय मूल का है. नीदरलैंड का रहने वाला है. वहां पर वह एक माॅल में काम करता था.

उसने जैक और फरेरा से घर गिरवी रखकर रूपए उधार लिए थे. समय खत्म होने के बाद भी वह उन्हें रूपए नहीं लौटा पाया था. इस पर जैक और फरेरा उससे हमेशा रूपये का तगादा करते थे. न देने पर खत्म करने की धमकी देते थे. दोनों के तगादे से तंग आकर उसने एक खतरनाक प्लान बनाया.

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एक दिन जब दोनो रूपए मांगने आए तो उसने अपने पिता और भाई के साथ मिलकर दोनों की हत्या कर दी. इसके बाद दोनों की लाश को अपने बगीचें में गाड़ दिया. लाश को ठिकाने लगाने के बाद उनकी गाड़ी को दुसरे शहर में ले जाकर बेच दिया.

 जब जैक और फरेरा घर नहीं पहुंचे तो उनके परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवायी. छानबीन के बाद पता चला की जैक और फरेरा आखरी बार धमेन्द्र के घर पर देखे गए थे. पुलिस ने धमेन्द्र से पूछताछ की, उसने जैक और फरेरा के लापता होने में अपनी भूमिका से इंकार किया. सबूतों के अभाव में पुलिस ने धमेन्द्र को छोड़ दिया. उसने अपनी गर्लफ्रेंड की मदद से वीजा निकलवा कर भारत के लिए उड़ान भरी और मुबंई चला आया.

धमेन्द्र के फरार होने से पुलिस का शक उसके ऊपर गया. पुलिस को लगा दाल में कुछ काला है. नीदरलैंड पुलिस द्वारा धर्मेन्द्र के घर और उसके आसपास तलाशी लेने पर दो लाश मिली जो जैक और फरेरा की थी. लाश मिलते ही पुलिस ने धमेन्द्र के पिता और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस मुख्य आरोपी धमेन्द्र की तलाश में जुटी रही लेकिन वह नहीं मिला. काफी खोजबीन के बाद पता चला धमेन्द्र भारत भाग गया है. नीदरलैंड पुलिस ने भारतीय पुलिस को सूचना दी गई. इसके बाद धमेन्द्र को गिरफ्तार करके नीदरलैंड पुलिस के हाथों सौंप दिया.

इंस्पेक्टर मनोज के अनुसार, अपराधी कितना ही चालाक क्यों न हो, अपराध करने के बाद वह कहीं भी जाकर छुपे लेकिन वह पुलिस की नजरांे से अपने आप को नहीं बचा सकता. एक न एक दिन वह पुलिस की गिरफ्त में जरूर आ जाता है.

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