Crime story: कफ सीरप के बदले fake currency (नकली नोट)

Crime story: कफ सीरप के बदले fake currency (नकली नोट)

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कफ सीरप के बदले नकली नोट

खांसी की दवा सहित कई दवाईयांे का इस्तेमाल लोग नशे के रूप में करते हैं. पिछले कुछ सालों में फेन्सीडिल, कोरेक्स, रेक्सकाॅप कफसीरप, नाइट्रावेट टेबलेट, फोर्टविन इंजेक्शन आदि कई दवाईयों की खपत काफी बढ़ी है, पर किसी भी दवा कंपनी ने इस बात पर रिसर्च नहीं किया कि इन दवाओं की मांग बढ़ने की वजह क्या है. जाहिर सी बात है कंपनियां अपना मुनाफा बढ़ाने के लिए इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. 

पिछले दिनों कटनी, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर सहित कई शहरों में दवा के अवैध व्यापारियों के पकड़े जाने के बाद यह पता चलता है कि मध्यप्रदेश नशे के रूप में की जाने वाली दवाओं की अवैध बिक्री का अड्डा बन गया है. राज्य के विभिन्न शहरों में न सिर्फ इन दवाओं की अवैध बिक्री हो रही है बल्कि इसकी तस्करी भी दुसरे देशों में की जा रही है.

यहीं नहीं जहां एक ओर लोग इन दवाईयों का इस्तेमाल नशे के रूप में कर रहे हैं. वहीं दुसरी ओर नकली नोटों (Fake Currency) के सौदागर इन दवाओं की खरीद-फरोख्त कर देश की अर्थ व्यवस्था को कमजोर करने की कोशिश में लगे हैं. पुलिस के अनुसार नशीलीदवा बेचने वाले और नकली नोट के सौदागरों के जुड़े होने के संकेत मिलें थे. इनके तार पाकिस्तान, नेपाल, बंगलादेश सहित कई देशों से जुड़ें हैं. दरअसल कोडीन युक्त यानी आफीम युक्त कफ सिरप व अन्य दवाईयों की मुस्लिम कंट्री में काफी डिमांड है. वहां की युवा पीढ़ी इसका इस्तेमाल नशे के रूप में करती हैं.

चौंकाने वाली बात यह है कि नशीली दवाओं के व्यापारी इन दवाओं को बांग्लादेश पहुंचा रहे हैं. इसके बदले वे नकली नोट (Fake Currency) की तस्करी कर रहे हैं. देश में 90-100 रूपयों में मिलने वाली कफसिरप की बोतल अवैध व्यापारी द्वारा 140 रूपए में बेची जा रही है. तस्करों द्वारा बांग्लादेश पहुंचा देने पर इसकी कीमत नकली नोट (Fake Currency) के रूप में 1000 से 1500 रूपए मिलते हैं. नकली नोटों के सौदागरों द्वारा इन नकली नोटों को 40-45 प्रतिशत कमीशन पर यहां खपाया जाता है. 

ग्वालियर पुलिस को सूचना मिली थी कि तस्करों द्वारा भारत में बनी कफ सिरप बांग्लादेश पहुंचाया जा रहा है. उससे अधिक चैंकाने वाली बात यह थी कि कफ सिरप बोतल के बदले इन्हें नकली नोट दिया जा रहा है. तस्कर कफ सीरप की तस्करी के साथ नकली नोट देश में खपाने में लगे है. ग्वालियर में क्राइम ब्रांच टीम ने नकली नोटों का कारोबार करने वाले चार बदमाशों को ग्वालियर व्यापार मेला रंगमंच के पास से गिरफ्तार किया. क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के पास से 5 लाख 35 हजार नकली नोट बरामद किए.

.पकड़े गए झंटू शाह, कय्यूम मियां, शैंकी जैन, रवि जैन है. पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में कय्यूम मिंया और झंटू शाह ने बताया कि उनका घर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में हैं. उनके खेत बांग्लादेश की बार्डर से लगे हुए है. ग्वालियर से वे लोग फेन्सीडिल, कोरेक्स, रेक्सकाॅफ कफ सिरप की बाॅटल खरीद कर ले जाते हैं. अपने घर पहुंच कर रात में जब भी इशारा मिलता है अपने खेतों से इन बाॅटलों को बांग्लादेश की सीमा में फेंक देते थे. फेंकी गई कफ़ सिरप के बदले बार्डर के उस पार छुप कर बैठे बांग्लादेशी तस्कर नकली नोटों के बंडल की बरसात करने लगते हैं. पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है. पुलिस के अनुसार पकड़े गए आरोपी पिछले कई वर्षो से इस धंधे में लगे हुए थे.

कफ सिरप में अफीम की मात्रा होने की वज़ह से डाॅक्टर्स के पर्ची के बिना खरीदना संभव नहीं हैं. तस्कर अपने स्तर पर मेडिकल स्टोर या डिस्ट्रीब्यूटर्स से कफ सिरप मंहगे दामों में खरीद लेते हैं. फिर इसे और भी अधिक दामों में बेचते हैं. जो कंपनियां जो इन दवाओं को बनाती है उन्हें यह जानकारी रहती है कि इसका दुरूप्रयोग हो सकता है. वहीं दवा व्यवसाय पर नियंत्रण रखने वाली एजेन्सियां भी ये जानती है. इसीलिए रिटेलर्स को निर्देश रहते है कि इन दवाईयों की बिक्री डाॅक्टर के पर्चे के बिना न करें. इसके बावजूद कई मेडिकल स्टोर पर ये दवाएं बिना पर्चे के भी मिल जाती है. वहीं डीलर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स फर्जी बिल काटकर इसे तस्करों के हाथों बेच देते हैं.

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