Cyber Crime



साइबर फ्राड से बचे


मुंबई में रहने वाले मनोज राय को एक ईमेल मिला. नाइजीरिया के फ्रेंक चुकवुदी ने स्वयं को ग्रांड प्रीमियम लोटो का मैनेजर बताते हुये मनोज को -मेल भेंजा और दावा किया कि उसे 15 करोड़ डालर की लाटरी निकली है. फ्रेंक ने मनोज को रकम लेने के लिए नाइजीरिया आने का निमंत्रण दिया. उसने यह भी लिखा यदि वह नाइजीरिया नहीं आना चाहता है तो वह अपना एक प्रतिनिधि भारत भेज देगें, जो उसे लाटरी की रकम दे देगा. मनोज को दूसरा आइडिया पसंद आया. उसने जवाब मंे प्रतिनिधि को भारत भेंजने के लिए कहा.
कुछ दिनों बाद मनोज को दूसरा -मेल मिला, जिसमें लिखा था, हमारा प्रतिनिधि विलियम लमूरे मुंबई पहंुच रहा है. उसे लाटरी के क्लीयरंस के लिए 3750 डालर (1 लाख 65 हजार रूपये) दे दें. मनोज ने फ्रेंक से एकाउंट नंबर लेकर पहली किस्त के रूप में 88 हजार रूपये जमा कर दिये. दूसरी किस्त जमा करते समय उसे पता चला कि वह ठग लिया गया है तो उसने कोलाबा पुलिस को इस बारे में शिकायत की. पुलिस ने टैंª लगा कर फ्रेंक को गिरफ्तार कर लिया. बाद में पता चला फ्रेंक और विलियम लमूरे दोनों एक ही व्यक्ति हैं और वह भारत में ही रह रहा था.
लोग विदेशी से आए मेल से इतने अधिक प्रभावित हो जाते हैं कि उन्हें यह होश ही नहीं रहता है कि जो मेल आया है। उसके बारे में अच्छी तरह से पता कर ले कहीं वह किसी ठग द्वारा तो नहीं भेंजा गया है। अब देखिए नाइजीरिया से एक मेल।              
प्रिय महोदय,
आपको मिलते है 20 लाख डालर. नाइजीरिया चेम्बर्स आॅफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्रीज से प्राप्त जानकारी और हमारे कंपनी के विशेष अधिकारियों से विचार विमर्श के बाद हमने आपके बैंक के खाते में 20 लाख डालर देने का निर्णय लिया गया है. आपकी ईमानदारी और व्यवहार कुशलता के बारे में पूरी जांच कर यह निर्णय लिया गया है. इन 20 लाख डालर को स्थानांतरण करने के लिए आपकी मदद की जरूरत है. हमारी कंपनी फलां फैक्टर से जुड़ी हुई है और कंपनी के पास इतना पैसा हो गया है कि उसे बैंक मंे रखने की जगह नहीं हैं. यदि आप अपने बैंक का नम्बर दे दें या विदेशी बैंक में खाता खुलवा लें तो हम आपके खाते में 20 लाख डालर ट्रांसफर कर सकते हैं. फिलहाल यह रकम नाइजीरिया की सेन्ट्रल बैंक के सस्पेंस एकांउट मंे जमा है.
आप के -मेल के इन बाक्स में आया यह -मेल पढ़ कर खुशी से उछल सकते हैं कि आप बैठे-बैठायें करोड़पति बन गये, लेकिन सच्चाई यह है कि यह सब साइबर फ्राड द्वारा आपको ठगने के लिए मेल भेंजा गया है. इस बारे में सीबीआई ने लोगों को आगाह किया है कि ऐसे -मेल के मोहजाल में फंसे. यह आपको कंगाल भी बना सकता है. इंटरपोल की रिर्पोट के अनुसार, साइबर ठगों द्वारा 500 करोड़ अमेरिकी डालर की विश्वव्यापी साइबर फ्राड किया जा रहा हैं.
साइबर फ्राड द्वारा भेजें गयी -मेल की शब्दशैली इतनी प्रभावशाली होती है कि मेल पाने वाला समझने लगता है कि भाग्य की देवी की कृपा उस पर हो गयी है. तभी तो बैठे बैठाए उसे करोड़ों रूपये मिल रहे हैं. वह अति खुशी में बिना कुछ सोचे समझे -मेल का जवाब दे देता है. इसके बाद पछताता है. करोड़ों के मालिक बनने के चक्कर में अब तक दुनिया के लाखों लोग कंगाल हो चुके हैं.
इंटरपोल पुलिस के अनुसार नाइजीरिया के ठगों द्वारा इस तरह के -मेल भेंज कर ठगी काफी सालों से की जा रही है. नाइजीरिया ठग बढ़ी ही चालाकी से नेट द्वारा धोखाघड़ी कर रहे हैं. वे अपना शिकार उद्योगपति, नौकरशाह, निजी कंपनियों, उच्चाधिकारियों या आम नागरिक को बना रहे है. जो -मेल संदेश पढ़कर प्रभावित हो जाता है. इनसे सम्पर्क करता है. बस उस समय से बड़े-बड़े प्रलोभन, आश्वासन देकर रूपया ठगना शुरू कर देते हैं.
-मेल का उत्तर भेंजते ही उनके पास ईमेल से कुछ दस्तावेज आने लगते हंै, जो नाइजीरिया सरकार के स्टांप पेपर पर होते हंै. इन कागजातों में फंड मैनेजमेंट का एग्रीमेंट, फंड रेमिटांस वाउचर, पावर आॅफ एटार्नी फार्म, एफिडेविड्स, पेनल आॅफ जजेस का वार्डिक्ट आदि होते हैं.
इन कागजातों को भेंजने वाला खुद को कंपनी के पैनल का सदस्य बता कर आप से मोहर तथा हस्ताक्षर युक्त कंपनी लेटर हेड कोरा इन्वौइसेज के साथ बैंक एकाउंट नंबर, टेलीफोन मोबाइल नम्बर की मांग की जाती है. इन कागजातों के साथ में एक पत्र और होता है जिसमें लिखा होता है कि उक्त सभी चीजें़ पहुंचते ही सेन्ट्रल बैंक की मंजूरी के बाद रूपये आपके खाते में चले जाएंगे. 
इनके बताये अनुसार जब कोई बैंक का एकाउंट नंबर भेंज देता है. ये समझ जाते हैं कि व्यक्ति उनके चक्कर मंे गया है. इसके बाद वे काफी नम्रतापूर्वक नएनए तरीकों से जैसे ट्रांसफर टैक्स, कांट्रेक्ट फीस, वकीलों की फीस के नाम पर रूपयों की डिमांड करते हैं. शुरूशुरू में यह राशी छोटी होती है. रूपये पाने के लालच में लोग छोटी-छोटी राशी का भुगतान करते जाते हैं. धीरे-धीरे राशी बढ़ती जाती है.
भुगतान किया जाने वाला हर शुल्क आखरी बताया जाता हैं, लेकिन इसे नजर अंदाज कर हर बार किसी किसी बहाने अतिरिक्त भुगतान का मैसेज भेंज कर भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता हैं.
आखिर में रूपये ट्रांसफर में बड़ी समस्या दिखा कर मोटी रकम की भी मांग करते है. इनके कहे अनुसार यदि कोई उन्हें मोटी रकम इन्हें भेंज देता है तो इनके बल्ले-बल्ले हो जाते हैं. यदि कोई रकम देने से इंकार करता है तो ठग संपर्क करना नहीं छोड़ते हैं. वे अपने मार्केटिंग गुरू से उनका ब्रेनवाश करवाते हैं. मार्केटिंग गुरू की बातों में आकर अनेक लोग मोटी रकम भेंज देते हैं. जैसे ही कोई मोटी रकम इन्हें भेज देता है. इनका एक नया मेल पहुंच आता है. जिसमें लिखा होता है, बैंक का अध्यक्ष बिना रिश्वत लिये रूपये ट्रांसफर करने को तैयार नहीं हैं. एक बार फिर मोटे रिश्वत की मांग की जाती है. जैसे-तैसे करके कोई बैंक अध्यक्ष के लिए रिश्वत की रकम भेंजता है. एक नई प्राब्लम का मेल पहुंच जाता है और पैसों की डिमांड की जाती है. एक समय ऐसा आता है जब उसे लगने लगता है कि रूपये नहीं भेंजे तो पहले वाला रूपये डूब जाएगा. लोग अपना रूपये निकालने के चक्कर में ठग के चक्रव्यूह में फंसते चले जाते हैं.

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