Crime Report: हरी सब्जियों के नाम पर ठगी
पनीर के टुकड़े
का लालच देकर
चूहों को बड़ी
आसानी से फंसाया
जा सकता है।
ठीक उसी तरह
लोगों को अधिक
रिर्टन का लालच
देकर उनकी जेब
से बड़ी आसानी
से निकाला जाता
सकता है। जिसके
लिए ठग रोज
नए-नए आइडिया
के साथ लोगों
के सामने प्रस्तुत
होते हैं। अपना
आइडिया पेश करने
के लिए ठग
पूरी तरह से
होम वर्क किए
होते हैं। सामने
वाले का पूरी
तरह से ब्रेनवाॅश
करने में उन्हें
अधिक देर नहीं
लगता है। इस
बार बंटी और
बबली ने इंदौर
में सब्जियों और
टिफिन शुरू करने
के नाम पर
ठगी की अपनी
दुकानदारी शुरू कर
दी। कुछ ही
दिनों में दोनों
50 लाख से अधिक
रूप्ए लोगों से
बटोर भी लिए
थे। दोनों फरार
होने के पहले
पुलिस ने गिरफ्तार
कर लिया। पूछताछ
के दौरन दोनों
ने जो बातें
पुलिस को बताया
जिसे सुनकर सारे
अधिकारी चैक गए।
दोनों ने देश
के कई बड़ों
शहरों में सब्जियों
और टिफिन के
नाम लोगों से
2000 करोड़ अधिक की
ठगी कर चुके
थे। जयपुर, जोधपुर,
बिकानेर, जलगांव, बैंगलुरू, दिल्ली
सहित कई राज्यों
की पुलिस बंटी
और बबली की
तलाश में थी।
पढ़िए अनोखी ठगी
की कथा-
इन्दौर क्राईम ब्रांच ने
हरी सब्जियों के
व्यवसाय में लोगो
को पार्टनरशिप व
जॉब प्रोवाईड करने
के नाम पर
ठगी करने वाले
बंटी और बबली
को गिरफ्तार किया.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राईम)
इन्दौर को पुलिस
के व्हॉट्सएप एनीशियेटिव
पर एक सूचना
प्राप्त हुई थी
कि, विजय नगर
स्थित सयाजी प्लाजा
में ऊपर की
दुकानों पर दिल्ली
का एक व्यक्ति
फ्री सेवियर सरर्वेन्ट
सर्विसेस के नाम
पर हरी सब्जियों,
टिफिन सेन्टर इत्यादि
के नाम पर
लोगो को बहुत
ही कम राशि
पर पार्टनर बना
रहा है. वह
3500 रू. प्रतिवर्ष लेकर 600 रू.
प्रतिमाह, इस प्रकार
कुल 7200 रूपयें की सब्जी
साल भर मे
देने का प्रलोभन
दे रहा है.
साथ ही नवयुवक-नवयुवतियों को उच्च
वेतन पर नौकरी
देने का काम
कर रहा है.
उक्त सूचना पर क्राईम
ब्रांच की टीम
द्वारा तस्दीक की गई
तो ज्ञात हुआ
कि सयाजी प्लाजा,
एक्सिस बैंक के
ऊपर दुकान नं.
6 से 10 में वैल
फर्निसड ऑफिस में
फ्री सर्विस सर्वेन्ट
सेवियर नाम का
ऑफिस खोला गया
है. जहां हरी
सब्जियों का व्यवसाय
होता है जिसके
ऑनर प्रवीण शर्मा
है.
क्राईम ब्रांच ने मौके
पर पहुचकर प्रवीण
शर्मा से विस्तृत
पूछताछ करने पर
पाया गया कि
उसके द्वारा इस
व्यवसाय का कोई
लायसेंस नहीं था.
न ही स्थानीय
प्रशासनिक संस्थान से कोई
लायसेंस लिया गया
था. प्रवीण शर्मा
के दस्तावेजो का
सूक्ष्मता से परीक्षण
करने पर पाया
गया कि उसने
स्वयं की भी
पहचान छुपा रखीं
है. प्रवीण शर्मा
ने अपनी पहचान
के लिए दिल्ली
राज्य परिवहन विभाग
का ड्रायविंग लायसेंस
प्रस्तुत किया. जिसे आॅनलाइन
चेक करने पर
फर्जी होना पाया
गया. यह लायसेंस
नई दिल्ली के
किसी इन्द्रजीत लाम्बा
पिता मलिक चन्द
लाम्बा निवासी बलजीत नगर
थाना वेस्ट पटेल
नगर नई दिल्ली
के नाम पर
रजिस्टर्ड था. जिसे
प्रवीण शर्मा ने स्कैन
कर अपने लैपटॉप
से स्वयं के
नाम का लायसेंस
बना लिया गया
था. इस आधार
पर पुलिस ने
प्रवीण शर्मा से कड़ाई
से पूछताछ की.
उसके द्वारा स्वंय
का सही नाम
विनोद पाटिल उर्फ
प्रवीण शर्मा उर्फ तुषार
पंवार पिता स्व.
हिलाल पाटिल उर्फ
राजेन्द्र शर्मा( 37) निवासी ग्राम
जारगांव, थाना पचोरा
जिला जलगांव महाराष्ट्र्र
का मूल निवासी
होना बताया.
पुलिस द्वारा प्रवीण शर्मा
से गहनता से
पूछताछ करने पर
उसके द्वारा बताया
गया कि इसी
ऑफिस में प्रोजेक्ट
मैनेजर का काम
करने वाली अनुष्का
कौशिक उर्फ रीमन
शर्मा निवासी जिन्द
हरियाणा है उसकी
पत्नी है. जिससे
उसने कुछ समय
पहले नई दिल्ली
मे लव मैरिज
किया था. प्रवीण
शर्मा के बाबत
और जानकारियां प्राप्त
करने पर उसके
द्वारा बताया गया कि
उसने हरी सब्जियों
के नाम पर
इन्दौर में रूपयें
50,000/- की राशि पर
कुछ लोगो को
पार्टनरशिप दी गई
है. साथ ही
लगभग 80 लोगो को
सब्जी बेचने का
एक्जीक्यूटिव नियुक्त किया गया
था. जिनसे भी
रूपयें 3500 प्रतिवर्ष
की राशि प्राप्त
की गई थी
एवं उनसे अपनी
फर्म का प्रचार
प्रसार एवं काम
करा रहा था.
प्रवीण शर्मा के लुभावनें
ऑफर्स को देखते
हुए भारी संखया
में लोगो ने
3500/- रूपयें जमा कर
600/- रू. प्रतिमाह की सब्जिया
साल भर प्राप्त
करने हेतु रजिस्ट्र्रेशन
कराया था. आरोपी
के दस्तावेजो का
परीक्षण करने एवं
कूटरचित दस्तावेज तैयार किये
जाने से थाना
अपराध शाखा इन्दौर
पर अपराध धारा
419, 420, 467, 468, 471, 120- बी,
34 भादवि पंजीबद्व किया जाकर
विवेचना में लिया
गया.
पुलिस द्वारा की गई
जांच में आरोपी
विनोद पाटिल उर्फ
प्रवीण शर्मा ने गुजरात
के जामनगर, कर्नाटक
के बैंगलोर , राजस्थान
के अलवर, नई
दिल्ली तथा पचोरा
जिला जलगांव महाराष्ट्र
में लगभग 2000 करोड
के घोटाले की
राशि सामने आयी.
आरोपी विनोद पाटिल
ने अपनी इसी
फर्म में लोगों
से फ्रेन्चायजी देने
के नाम पर
10-10 लाख रूपयें की राशि
प्राप्त की थी.
साथ ही रिटेल
स्टोर की फ्रेन्चायजी
देने के नाम
पर रूपयें 4 लाख
की राशि पर
लोगो को जोडने
वाला था. क्राईम
ब्रांच इन्दौर द्वारा आरोपी
के सयाजी प्लाजा,
एक्सिस बैंक के
ऊपर, दुकान नं.
6 से 10 मे दबिश
दिये जाने पर,
भारी मात्रा में
सब्जिया, 3 लैपटॉप, 4 कम्प्यूटर, प्रिन्टर,
मोबाईल फोन्स, दस्तावेज आदि
बरामद किये गये.
आरोपी प्रवीण शर्मा
द्वारा बायपास इन्दौर की
प्लेटिनम पैराडाईज कॉलोनी में
भी दो मकान
किराये पर लिये
जाकर टिफिन सेन्टर
एवं सब्जियां विक्रय
का काम किया
जा रहा था.
टीम द्वारा रात्रि
को दबिश दिये
जाने पर उक्त
स्थान से एक
कम्पूयटर, कुछ दस्तावेज
एवं भारी मात्रा
में सब्जियां व
बर्तन इत्यादि बरामद
किये गये. आरोपी
प्रवीण शर्मा द्वारा अपने
कार्य के लिए
एकलोगान, एक अर्टिगा,
एक मारूति वेन
गाड़िया अटेच कर
रखी थी. साथ
ही अपने कर्मचारियों
को कार्पोरेट सिम
के माध्यम से
नये मोबाईल फोन्स
से सुसज्जित कर
रखा था.
आरोपी प्रवीण शर्मा एक
बहुत ही शातिर
किस्म का ठग
है. जो लोगो
का पार्टनरशिप के
नाम पर इनवेस्टमेन्ट
लगाया करता था.,
और अपनी जिन्दगी
को बहुत ही
पॉश तरीके से
जीता था. आरोपी
प्रवीण शर्मा ने इन्दौर
में टेलीफोन नगर
में दो मकान
25000 रूपयें प्रतिमाह किराया, विजय
नगर का ऑफिस
रूपयें 1,25,000 प्रतिमाह की दर
पर तथा प्लेटिनम
पैराडाईज कॉलोनी के ऑफिस
रूपयें 10,000 प्रतिमाह प्रत्येक की
दर पर ले
रखे थे.
क्राईम ब्रांच की टीम
द्वारा प्रकरण में आरोपी
विनोद पाटिल उर्फ
प्रवीण षर्मा उर्फ तुषार
पंवार पिता स्व.
हिलाल पाटिल उर्फ
राजेन्द्र शर्मा (37) निवासी ग्राम
जारगांव , थाना पचैरा
जिला जलगांव महाराष्ट्र
, उसकी पत्नि अनुश्का कौशिक
उर्फ रीमन शर्मा
पिता प्रेम कुमार
शर्मा निवासी जिन्द
हरियाणा तथा उसके
पार्टनर यागनिक कुमार परमार
पिता सुरेश भाई
परमार निवासी अहमदाबाद
गुजरात को गिरफ्तार
किया गया है.
प्रवीण ने कबूला
कि दोनों पति-पत्नी हैं और
नाम बदलकर अलग-अलग शहरों
में ठगी कर
चुके है. उन्होंने
बताया कि पति-पत्नी ने अभी
तक लगभग दो
हजार करोड़ की
ठगी की है.
उनके अनुसार उन्होंने
जामनगर, गुजरात में 1500 करोड़,
बेंगलुरु में 200 करोड़, जलगांव में 200 करोड़,
दिल्ली में 100 करोड़, तथा
इंदौर, मप्र में
50 लाख रूपयों की ठगी
कर चुके है.
इंदौर में 500 करोड़
की ठगी करने
का टागेट था.
इसके पहले पुलिस
ने उन्हें गिरफ्तार
कर लिया.
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